ब्लॉग एक तरह की वेबसाइट होती है जिसमे तरह तरह की जानकारी ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से शेयर की जाती है। किसी ब्लॉग पर लोग लिंक के द्वारा आते हैं और उस ब्लॉग पर लोग नजर डालते हैं। एक ब्लॉग या वेबसाइट में कई तरह की जानकारी हो सकती है इसलिए आपको अलग अलग तरह के ब्लॉग मिल जायेंगे।

ब्लॉग क्या है उदाहरण सहित समझाइए | ब्लॉग कितने प्रकार के होते हैं?

ब्लॉग कितने प्रकार के होते हैं?

ब्लॉग अलग अलग तरह के होते हैं जिससे लोगों का ब्लॉग पर अट्रैक्शन क्योंकि ब्लॉग किसी टारगेटेड चीज पर हो सकता है। नीचे हमने ब्लॉग के प्रकार बताएं हैं।

    • पर्सनल ब्लॉग
    • एफिलिएट ब्लॉग
    • ग्रुप ब्लॉग
    • मीडिया ब्लॉग
    • एक टॉपिक वाला ब्लॉग
    • मल्टी टॉपिक पर ब्लॉग
    • कॉर्पोरेट ब्लॉग
    • माइक्रो ब्लॉग

1. पर्सनल ब्लॉग का मतलब क्या होता है?

पर्सनल ब्लॉग किसी व्यक्ति की विचार से बना होता है जहां पर कोई एक व्यक्ति अपना पर्सनल अनुभव ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से शेयर करता है। मान लेते हैं आपको किसी काम का एक्सपीरियंस है इसलिए आपको उस काम के बाद में अच्छे से पता होगा और आप इस काम के बारे में किसी को अच्छे से समझा सकते हैं।

किसी एक इंसान को अलग अलग काम का अनुभव हो सकता है इसलिए जरूरी नहीं है की कोई इंसान एक ही टॉपिक पर अपना पर्सनल ब्लॉग बनाए कोई भी व्यक्ति अपने पर्सनल ब्लॉग में अपने अनुभव के अलग अलग टॉपिक को जोड़कर अपना एक पर्सनल ब्लॉग बना सकता है। पर्सनल ब्लॉग में ज्यादातर सिर्फ एक ही इंसान के हाथ ब्लॉग का कंट्रोल होता है और वह कभी भी अपने विचारो को ब्लॉग पोस्ट में लिख सकता है और उसे अपने ब्लॉग के द्वारा कभी भी शेयर कर सकता है।

2. एफिलिएट मार्केटिंग ब्लॉग

एफिलिएट मार्केटिंग वह ब्लॉग होता है जहां पर किसी कंपनी के प्रोडक्ट को ब्लॉग के माध्यम से प्रमोट किया जाता है और प्रमोट करने से किसी ब्लॉग के मालिक को अर्निग यानी कमाई होती है। एफिलिएट ब्लॉग में मैन अर्निंग लिंक के द्वारा की जाती है इसी लिंक को ब्लॉग में कहीं ना कहीं इंक्लूड किया जाता है और लोगो को पता तक नहीं होता है।

एफिलिएट ब्लॉग बनाने के लिए एफिलिएट प्रोग्राम ज्वॉइन करने होते हैं और प्रोडक्ट के बारे में भी लिखना पड़ता है। दुनियां से में बहुत बड़ी बड़ी कंपनियां हैं और ये कंपनियां आपको एफिलिएट प्रोग्राम का ऑप्शन देती हैं ताकि इनको अर्निग हो सके और आपको भी अर्निग हो गई। हर कंपनी का कमीशन रेट अलग अलग होता है इसलिए न्यू कंपनी हमेशा ज्यादा से ज्यादा कमीशन देती हैं ताकि उनके प्रोडक्ट को हर कोई जाने और जब न्यू कंपनी पुरानी हो जाती है तो कमीशन रेट भी कम हो जाता है।

एफिलिएट ब्लॉग से अगर आपको भर भर के पैसा कमाना है तो आपको किसी हाई कमीशन वाली कंपनी को फाइंड करना होगा और अपने के के द्वारा उसके प्रोडक्ट को प्रमोट करना होगा। आगर किस एफिलिएट ब्लॉग पर ट्रैफिक होता है तो उसे भर भर के अर्निग होती है क्योंकि सबसे ज्यादा पैसा सिर्फ एफिलिएट मार्केटिंग में ही है।

3. ग्रुप ब्लॉग क्या है?

ग्रुप ब्लॉग में एक टीम काम करती है जिसमें काफी सारे व्यक्ति हो सकते हैं और रोजाना काफी सारी ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित करते हैं।ग्रुप ब्लॉग का मैन मकसद पैसा कमाना होता है इसलिए ग्रुप ब्लॉग में ज्यादातर टीम एक्टिव होती है। ग्रुप ब्लॉग में अलग अलग टॉपिक पर काम किया जाता है और सबसे ज्यादा टीम न्यूज पर काम करती है क्योंकि न्यूज कंटेंट ज्यादातर वायरल होते हैं।

ग्रुप ब्लॉग को सबसे ज्यादा कमाई सिर्फ न्यूज से होती है क्योंकि इनकी वेबसाइट गूगल न्यूज से अप्रूव होती है और गूगल डिस्कवर में इनकी ब्लॉग पोस्ट दिखाई देती हैं जहां पर ट्रैफिक करोड़ों में होता है। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ग्रुप ब्लॉग की पोस्ट ही वायरल होती हैं जिससे इनको वहा से भी ट्रैफिक मिलता है।

4. मीडिया ब्लॉग क्या है?

मीडिया ब्लॉग में फोटोज, वीडियो और ऑडियो को जड़ा जाता है इसलिए इस तरह के ब्लॉग पर लिखने की जरूरत काम होती है। मीडिया ब्लॉग बनाने का फायदा जब होता है जब आपके पास खुद की वीडियो, फोटो और ऑडियो हों, अगर आप इधर उधर से वीडियो फोटो को चोरी करके ब्लॉग पर डालेंगे तो ब्लॉग ज्यादा नहीं चलेगा।

मीडिया ब्लॉग के लिए आपके पास खुद का कैमरा होना चाहिए जिससे आपको फायदा होगा और उन वीडियो और तस्वीरें को अपना खुद का यूट्यूब चैनल बनाकर पैसे कमा सकते हैं।

5. मल्टी टॉपिक ब्लॉग | क्या मल्टी टॉपिक ब्लॉग अच्छा है?

मल्टी टॉपिक ब्लॉग काफी सारे टॉपिक्स को मिलाकर बनाया जाता है इसलिए इस तरह के ब्लॉग पर अगर आप अकेले काम करना चाहते हैं तो आपको एक अच्छी राइटिंग सीखनी पड़ेगी। मल्टी टॉपिक ब्लॉग पर आपको लिखते टाइम अलग अलग ब्लॉग से आइडिया लेना होगा क्योंकि हो सकता है आपको कुछ टॉपिक का आइडिया ही नही हो इसली आप इंटरनेट से आइडिया ले सकते हैं।

ज्यादातर ब्लॉगर्स मल्टी टॉपिक ब्लॉग पर ही काम करते हैं क्योंकि किसी एक टॉपिक पर काम करने से हो सकता है ब्लॉग पर ट्रैफिक ही ना आए इसलिए उस समय अलग अलग किसी दूसरे टॉपिक पर लिखने के मन में विचार आते हैं। मल्टी टॉपिक ब्लॉग पर लिखने से वेबसाइट जल्दी ट्रैफिक आने लगता है और ब्लॉग की ग्रोथ होने लगती है।

6. कॉर्पोरेट ब्लॉग एग्जांपल

कॉर्पोरेट ब्लॉग उसे कहते हैं जो किसी संस्था, कंपनी, संगठन या ब्रांड द्वारा चलाया जाता है। ऐसे ब्लॉग पर हमेशा डिटेल्स में जानकारी होती है और इस तरह के ब्लॉग पर कॉमेंट भी सबसे ज्यादा आतीं हैं। कॉर्पोरेट ब्लॉग में ज्यादातर जनसंपर्क बनाया जाता है जिससे लोगों का एक दूसरे के साथ बात करना आसान हो जाता है जैसे फेसबुक, ट्विटर।

7. माइक्रो ब्लॉगिंग क्या है?

माइक्रो ब्लॉगिंग एक तरह के माइक्रो टॉपिक पर आधारित होती है उधारण के तौर पर बॉडी पूरे शरीर को बोला जाता है अगर बॉडी के अंगों को अलग अलग कर दिया जाए तो उन पार्ट्स को माइक्रो बॉडी पार्ट्स बोलेंगे इसे ही ब्लॉगिंग में किसी टॉपिक के सब टॉपिक को माइक्रो टॉपिक कहा जाता है।

आज कल ब्लॉगिंग में बहुत ज्यादा कंपीटिसन हो गया है इसलाए नया ब्लॉगर माइक्रो टॉपिक पर ही अपना ब्लॉग बनाएगा ताकि ब्लॉग जल्द से जल्द रैंक हो और पैसे आने लगे। माइक्रो ब्लॉगिंग में छोटे छोटे टॉपिक को शामिल किया जाता है और उसके बारे इधर उधर से जानकारी जोड़कर एक ब्लॉग पोस्ट में शेयर की जाती है।

अंतिम शब्द: मुझे उम्मीद है आपको इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से ब्लॉगिंग के प्रकारों के बारे में पता चल गया होगा।