कुछ कर दिखाने की शायरी

पत्थर को सोने में बदलने की ताकत रखता हूं, बात इतनी करता जो मै कर सकता हूं !!

अपनी मंजिल पाने के लिए हर चुनौती के लिए तैयार रहते हैं, संघर्ष कितना भी हो उसे हराने का हौसला रखते हैं !!

रातों को दिन के तरह गुजरते हैं, सपना एक ही है उसे पाने के लिए हर रात को अपना हमसफ़र बना लेते हैं !!

ना मंजिलें दूर होंगी ना रास्ते डगमगाएंगे, रास्ता बही तय करेंगे जिससे अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे !!

ऊपर वाले ने ज़िंदगी दी है कुछ अलग करके दिखाऊंगा, मेरे रिलेशन में “कोई मेरे जैसा नहीं होगा” कुछ ऐसा करके दिखाऊंगा।

जंग शायरी

अपने दुश्मन को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोडूंगा, अगर कोई बीच में आया तो उसका सिर धड़ से अलग कर दूंगा !!

दुश्मन हमारे बहुत थे आज हेंम पता चला, अब तो जंग होगी जिसका किसी को नहीं पता !!

इस जंग का ना दर्द होगा ना एहसास होगा, जंग जारी रहेगी, पर दुश्मन के आगे ये सर कभी नीचा नहीं होगा !!

चलनेदो इस जंग को अब इस दिल में तूफान उठा है, ये तूफान सबको तबाह कर देगा पर किसी को बक्सेगा नहीं !!

मेरेदुश्मन मेरी बर्बादी का तमाशा देखने मेरे सामने खड़े हो गए, दुश्मन बहुत खुश हुए, पर जब हम आगे बड़े तो सबको पछाड़ते चेले गए।

ताली शायरी

आपकी बातों ने इस दिल में जुनून भर दिया, हौसला कभी ना था इतना जितना आपने दे दिया, इसलिए आपके लिए हमने ताली बजाना शुरू कर दिया !!

आपकी प्रस्तुति ने हमारा दिल जीत लिया, परफॉर्मेंस ऐसा किया के ताली बजाने को बार बार मन किया !!

दिल को कुछ अलग एहसास हुआ, बातें आपने की मन हमारा खुश हुआ, इसलिए आपके लिए ये दिल ताली बजाने के लिए तैयार हुआ !!

हथेली में इतनी ताकत रखते हैं के ताली बजाने से सब कांप जाते हैं, यारी उन्ही से रखते हैं जो हमारे दुख में काम आते हैं, वरना हजारों हमारे साथ रहते हैं !!

ताली बजाने से कुछ लोगों का सर ऊंचा हो जाता है, इतनी ताकत होती है ताली में के किसी का सम्मान बड़ जाता है।

फौलादी शायरी

दिल में फौलाद जैसी ताकत रखते हैं, हर सपने को खुद पूरा करते हैं, लोग बहुत मिलते हैं पर मतलब कुछ ही इंसानों से रखते हैं !!

ना दर्द का एहसास हुआ ना दुःख का एहसास हुआ, ये दिल पत्थर जैसा है, इसलिए आज तक किसी से प्यार नहीं हुआ !!

फौलाद जैसा हूं फौलादी बातें करता हूं, लोग जलते बहुत हैं पर किसी से कोई मतलब नहीं रखता हूं !!

लोग चाहते हैं हम टूट कर बिखर जाए, टूटना हमने सीखा नहीं तो किसी की बातों से हम क्यों बिखर जाए !!

कैसे भुला दूं उन सपनों को जिनके लिए खुद को बदला है, लोग सपने बहुत देखते हैं पर हमने तो एक ही सपने के लिए “अपने आप” पत्थर जैसा बना दिया है।